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इस सदी की सबसे महान विद्या का समागम

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सर्प विद्या समागम🐍 आज मे आप सभी को एक ऐसी रहस्यमयी विद्या से परिचय करा रहा हूं जिसके बारे मे आप लोगो ने ना तो कभी पढा होगा ना सुना होगा ना ही कभी कही और से ये विद्या मिलेगा क्योकि ये विद्या पूर्ण रूप से गुप्त है और गुरू शिष्य परंपरा पर आधारित चल रही है गुरू शिष्य को गोपनीय रखने का वचन लेकर ही ये विद्या प्रदान करते है ये विद्या साल मे केवल एक ही दिन दी जा सकती हैं यदि मौका चुके तो फिर एक साल का वेट करना होगा ये विद्या मूल रूप से आसाम के मयोंग की विद्या है मयोंग से यही विद्या बंगाल पहुची बंगाल से चारो तरफ फैली आदमी को तोता मैना बनाना इसी विद्या से होता था इस विद्या मे आपको सर्प के विष उतारने के मंत्र प्रमुख रूप मे प्राप्त होते है इसी कारन इसे सर्प विद्या के नाम से भी जाना जाता है कई लोग. इसे नाग विद्या , भानुमती , भानुमति पिटारा , आसामी जादू ,बंगाली विद्या के नाम से भी जानते है ये बहुत प्राचीन विद्या है वेसे इस विद्या में सर्प विष उतारने के मंत्र , सर्प को बॉधने के मंत्र , झाडे के मंत्र , भूत प्रेत के झाडे के मंत्र , उने बॉधने खोलने के मंत्र , भूत प्रेत को मारने पीटने के मंत्र , सरदर्द , आधासीसी , सरीर का दर्द, फोडे फुन्सी , बीछू के विष उतारने के मंत्र , गंडा ताबीज देने के मंत्र बहुतायत से है इनके अलावा वसीकरन , कढाई बॉधने के मंत्र, मारण मंत्र , ततैया लगाने , हॉडी उडाने के मंत्र तीसरे साल दिये जाते है पीढा चिपकाने , नजरबंधी , तोता मैना बनाना जैसे चमत्कारिक मंत्र शामिल थे लेकिन ये विद्या लोप हो गयी है किसी का वसीकरन. काटना हटाना , किसी तात्रिक की विद्या बॉधना , किसी की शक्ति बॉध देना ,किसी तात्रिक की गद्दी बॉधने के मंत्र ,व्यापार बढाने के मंत्र ,और रहस्यमयी मंत्र आपको मिलेगे ऑधी तूफान रोकना ,वर्षा रोकना , ओले रोकने के चमत्कारिक मंत्र सब इसी विद्या मे आपको दिये जायेगें और इस विद्या की सबसे बढी विशेषता ये है कि इन मंत्रो को सिद्ध नही करना पडता ये गुरू मुख से प्राप्त होते ही सिद्ध हो जाते है हर साल की तरह इस साल भी यह पर्व गुरूधाम परखम में ही धूमधाम से मनाया जायेगा ये पर्व हर साल भादों के महीने की शुक्ल पछ के छठ को मनाया जाता है ये दो दिन का पर्व होता है जिसमे विद्या का आदान प्रदान किया जाता है हवन पूजा सब होता है जिन साधको को सर्प विद्या की दीक्षा लेनी हो वो सभी अपना टिकट करा लें और यहॉ पर हर हाल में छठ से एक दिन पहले यानि पंचवी को शाम तक पहुच जाये क्योंकि एक दिन पहले मध्य रात्रि से ही पूजन अनुष्ठान आरंभ हो जाएगा तीन दिन यहॉ रहने खाने का पूजा सामग्री का अन्य व्यवस्था का लगभग रूपये शुल्क प्रति व्यक्ति लिया जायेगा जो सभी को देय होगा यहॉ आप तीन दिन रूकने का प्रोगराम लेकर आये नये साधको को सर्प विद्या पर दीक्षा भी दी जाती है उसका शुल्क 2100 अलग से रहेगा
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